लंदन में ड्रीम रिसर्च इंस्टीट्यूट (DRI) द्वारा किया गया एक नया प्रयोग, ल्युसिड ड्रीमिंग एक्सपीरियंस पत्रिका के सह-सम्पादक रॉबर्ट वैगनर के सहयोग से किया गया जिसमे मनोचिकित्सक निगेल हैमिल्टन की परिकल्पना की पुष्टि करने का प्रयास किया गया है ।

इस परिकल्पना के अनुसार, मनोचिकित्सा रोगी जो अपने सपनों में संतुलित ज्यामितीय गतिविधि करते हैं, वे बाद में मनोवैज्ञानिक संतुलन में सुधार का अनुभव करेंगे और अपने चिकित्सा में भी प्रगति करेंगे।

इस नए प्रयोग में भाग लेने वालों को एक ल्यूसिड ड्रीम्स अर्थात स्पष्ट सपने में प्रवेश करने और फिर एक निश्चित तरीके से तीन सरल से ज्यामितीय आकार में गतिविधि करने के लिए कहा गया। परिणामों के विश्लेषण से पता चला कि सपने में रंग और समरूपता सपना देखने वालों के मनोवैज्ञानिक अवस्थाओं से जुड़े थे।

विशेष रूप से, सपने में महत्वपूर्ण सममित आकार और ज्यामितीय आकारों के पूरा होने से व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक संतुलन और तालमेल की भावना प्रभावित होती है। यह अध्ययन कई अन्य फेस स्टेट आधारित मनोचिकित्सा उपकरणों के अस्तित्व की ओर इशारा करता है, जिन्हें हमें अभी खोज निकालना बाकी है।

यह लेख “इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ ड्रीम रिसर्च” नामक वैज्ञानिक पत्रिका में अक्टूबर २०२० को प्रकाशित किया गया था I

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